Select Date:

एमपी में कर्मचारियों का 20 लाख रुपए तक इलाज कैशलेस:सीएम केयर के नाम से स्कीम को मंजूरी

Updated on 19-05-2025 12:03 PM

मध्यप्रदेश सरकार अपने 10 लाख से अधिक कर्मचारियों-अधिकारियों और पेंशनर्स के इलाज की व्यवस्था कैशलेस करने जा रही है। ‘सीएम केयर’ नाम से एक योजना जल्द आएगी, जिसमें शासकीय सेवक 20 लाख रुपए तक का इलाज कैशलेस करा सकेंगे। पेंशनर्स के लिए यह सीमा अधिकतम 5 लाख रुपए तक हो सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस स्वास्थ्य बीमा योजना को मंजूरी दे दी है।

वित्त और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मिलकर स्कीम लगभग फाइनल कर ली है। मुख्यमंत्री के साथ प्रपोजल पर अंतिम बातचीत के बाद जल्द इसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा। इससे कर्मचारियों-अधिकारियों की बरसों पुरानी मांग पूरी हो जाएगी। अभी मप्र सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम 2022 के तहत इलाज होता है। पहले स्कीम में पेंशनर्स नहीं‍ थे, पर अब उन्हें शामिल कर लिया जाएगा।

अभी ये व्यवस्था, बाद में रिम्बर्स होती है राशि अभी कर्मचारी इलाज कराते हैं और खर्च हुई राशि का रिम्बर्समेंट कराने के लिए अपने विभाग में आवेदन करते हैं। इसके लिए पहले डॉक्टर, मेडिकल बोर्ड या डायरेक्टर हेल्थ व मेडिकल एजुकेशन का अप्रूवल लगता है।

भर्ती हुए तो इलाज प्रक्रिया ऐसी अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराते हैं तो 5 लाख तक क्लेम की मंजूरी संभागीय स्तर के सरकारी अस्पताल के डीन की अध्यक्षता में बनी कमेटी निर्णय करती है। क्लेम 5 लाख से अधिक और 20 लाख तक है तो संचालक स्वास्थ्य सेवाएं की अध्यक्षता में बनी कमेटी रिम्बर्समेंट को मंजूरी देती है।

भर्ती नहीं हुए तो ये प्रक्रिया सरकारी सेवक स्वयं या परिजन का बाह्य रोगी के रूप में इलाज कराता है। यानी अस्पताल में दिखाया और लौट गए तो इसमें एक साल में अधिकतम 20 हजार रुपए रिम्बर्समेंट होगा। लगातार हो तो 3 माह में 8000 रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए। जिला मेडिकल बोर्ड की मंजूरी जरूरी।

दो दिक्कतें- मौजूदा व्यवस्था में रिम्बर्समेंट में काफी वक्त लगता है, फील्ड तक पहुंचने से पहले बजट खत्म

  • रिम्बर्समेंट प्रक्रिया में काफी वक्त लगता है। बड़ा उदाहरण गृह विभाग से जुड़ा है, जहां पीटीएस सागर के एक पुलिसकर्मी ने राज्य के बाहर इलाज करवाया और रिम्बर्समेंट के लिए 21 दिसंबर 2022 में आवेदन दिया। अभी तक पैसा नहीं मिला।
  • कई बार रिम्बर्समेंट का बजट शहरों में रहने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों पर ही खर्च हो जाता है। फील्ड तक बजट पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाता है। फिर उसे अगले साल के बजट तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में कर्मचारियों को आर्थिक रूप से परेशानी होती है।


अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 19 May 2025
12 मई को बाणगंगा इलाके में हुए दर्दनाक हादसे में एक डॉक्टर युवती की जान चली गई। युवती सिग्नल पर स्कूटी से खड़ी थी, तभी एक फिटनेस एक्सपायर स्कूल बस…
 19 May 2025
भोपाल में भेल के 64 साल के रिटायर्ड अधिकारी जॉर्ज कुरियन की सुपारी देकर हत्या कराने वाली पत्नी बिट्टी जॉर्ज का कबूलनामा चौंकाने वाला है। पति की हत्या की साजिश…
 19 May 2025
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और धरोहरों के प्रति युवाओं की रूचि विकसित करने के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करते हुए जानकारियों…
 19 May 2025
मध्यप्रदेश सरकार अपने 10 लाख से अधिक कर्मचारियों-अधिकारियों और पेंशनर्स के इलाज की व्यवस्था कैशलेस करने जा रही है। ‘सीएम केयर’ नाम से एक योजना जल्द आएगी, जिसमें शासकीय सेवक…
 19 May 2025
किसी भी शहर का वाटर लेवल, वहां का तापमान घटाने-बढ़ाने में मददगार रहता है। राजा भोज के शासनकाल की बात करें तो तालाबों से घिरे भोपाल का तापमान 30-35 डिग्री…
 19 May 2025
भोपाल में रविवार को विश्व संग्रहालय दिवस के अवसर पर कई प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। इन्हीं में एक बेहद खास प्रदर्शनी रही, जिसमें 38,000 से अधिक माचिसें और 40…
 19 May 2025
मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग के एक अफसर का अपने कर्मचारी से रुपए मांगने का ऑडियो सामने आया है। ऑडियो भोपाल जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) ओपी शर्मा…
 19 May 2025
ट्यूमर, हृदय रोग या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की जांच से लेकर इलाज की सबसे आधुनिक तकनीक 6 जून 2025 को एम्स भोपाल में शुरू होनी थी। लेकिन, अब तक 58 करोड़…
 19 May 2025
भोपाल के मिसरोद थाना क्षेत्र में एक महिला से रेप का मामला सामने आया है। पीड़िता रविवार को मिसरोद थाने पहुंची थी, जहां देर रात तक उसकी काउंसलिंग चलती रही।…
Advt.